सिवाना डायरीज - 16

 सिवाना_डायरीज  - 16


सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची॥

जय देव जय देव...

- यू-ट्यूब पर जयाकिशोरी जी द्वारा गजानन जी की इस स्तुति वाली विडियो के साथ कोशिश कर रहा था मैं भी आज गणपति जी को खुद में उतारने की। दोनों हाथ मिला सूर्यचक्र पर टिकाकर आँखें बंद कर रखी थी। इधर-उधर भटकते मन को बार-बार ला रहा था गणेश जी के चरणों में। अफसोस, मगर टिक न पाया। खुद को अगर सही तराजू में रखूँ तो मुझे उनके श्रीचरणों में टिकने योग्य भी अब बनना है। 


गणेश चतुर्थी की छुट्टी नहीं है स्कूल्स में, ये सुबह 09 बजे पता चला मुझे। अपने ऑफिस पहुँचने के बाद पाया कि चाबी भी घर भूल आया है, तो पास के मेला मैदान स्कूल में हो आया। जफर सर और रंजनि मेडम से थोड़ी देर बात कर सातवीं कक्षा के बच्चों को कुछ विचारकर कहानी बनाने का काम दिया और बच्चों ने बहुत मन से अपने-अपने तरीके से कहानी के कई एंगल मोड़े। लंच बाद एलआरसी पर यूथ-मीटिंग रखी गई जिसमें कोविड-वैक्सीनेशन में सहयोगी साथियों को प्रमाण पत्र भी दिये गये। कुल मिलाकर व्यस्त रहे दिन-भर ही आज भी।


गणेश चतुर्थी है आज। बचपन से उनकी और कार्तिकेय जी की रेस वाली जो कहानी सुनते आ रहे हैं, उससे कुछ शिक्षा लेने का मन है। फास्ट भी रखा था शाम तक तो। फिर शाम के बाद खूब सारी चीजें खा ली है। एक पावभाजी और आइसक्रीम की स्टाल वाले अपने पास के ऊँचा गाँव के ही है। लोभचंद जी ने दाबेली और बादाम शेक का कोई चार्ज भी नहीं लिया और लगभग आधे घंटे बैठकर हमने पुर और ऊँचा की कई रिश्तेदारियाँ निकाली। 


मन ठीक रहा। एकांत गणेश जी के दिन भी नहीं सध पाया। गैस के बड़े सिलेंडर के लिए पापाजी से बात हुई। बहुत लेट सो रहा हूँ आजकल। नींद एक बार डाॅर-बेल बजाकर भग जाती है और मैं कोशिश करता रहता हूँ ढंग से सो जाने की। चलो अब सो ही जाते हैं। सोने से पहले मोबाइल में चला ली है गणेश-धुन - ओऽम् गं गणपतये नमो नमः/श्री सिद्धिविनायक नमो नमः/अष्टविनायक नमो नमः/गणपति बप्पा मोरिया...

शुभ रात्रि...


- सुकुमार 

31/08/2022

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