सिवाना डायरीज - 17

 सिवाना_डायरीज  - 17


'शहर या गाँव, खेल के मैदान जितने ज्यादा होंगे, हाॅस्पीटल्स की संख्या वहाँ उतनी ही कम होगी।'

- पीईईओ क्षेत्र मवड़ी में था आज। राजीव गांधी ग्रामीण ऑलम्पिक अभियान के प्रथम चरण के समापन कार्यक्रम में अध्यक्ष जी की ये लाईन जोरदार ही लगी मुझे। दिन-भर यही चलती रही मन में। वो एक और लाईन है ना कि - 'एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।' सरल सत्य हैं दोनों मगर फाॅलो कुछेक प्रतिशत ही कर पाते हैं लोग। खुद में भी हर रात सोने से पहले प्लानिंग बना लेता हूँ कुछ नया इनिशियेटिव लेने की, मगर अगली सुबह एक अकेला शब्द आलस्य इन दोनों वाक्यों को मात दे देता है। जीवनचर्या में सुधार की बहुत जरूरत है।


बहरहाल पहली इंडिपेंडेंट विजिट थी आज मेरी। अपने सिवाना के पास ही मवड़ी स्कूल में गया था। पुरानी राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय और राजकीय माध्यमिक विद्यालय को मर्ज करके बनाई गई सीनियर सेकंडरी स्कूल। मतलब पहली से बारहवीं तक एक ही। चार से पांच घंटे अच्छे निकले। खूब जाना, खूब सीखा और कई सम्पर्क भी बने। छोटे बच्चों के साथ समय बिताना दिमाग की कई ग्रंथियां खोल देता है। लंच के बाद ग्रामीण ऑलम्पिक के पहले चरण का समापन था। सिवाना ब्लाॅक के अतिरिक्त विकास अधिकारी मुख्य अतिथि थे। प्रिंसिपल सर ने अपन को भी अतिथि बना दिया था। खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी हुए। मेरे लिए बहुत दिनों बाद स्कूल को यूँ जीना अनोखा था। अपने ऑफिस टाईम के पोस्ट लंच में ऑफिस से रिलेटेड कुछ और खास चीजें जानी। सुरेश जी का स्वास्थ्य गत दो दिनों से ठीक नहीं है।


मन ठीक ही रहा। बच्चों के बीच तो बच्चों जैसा ही हो गया था। घर पर भी सब व्यस्त है। माँ कल सुबह चारभुजाजी की पदयात्रा के लिए निकलने वाली है। वो खूब उत्साह में हैं, लेकिन हमारे मन में उनकी सेहत को लेकर एक छोटा सा डर बैठा रहता है। मनोहरा भी एक्जाम की तैयारी में ही व्यस्त है। सिया सो री थी सुबह विडियो-काॅल के वक्त। ज्यादा सोचा नहीं जा रहा कुछ भी और शायद जरूरत भी नहीं है। भाग रहे हैं कैलेंडर की तारीखें और समय की घड़ी, साथ दौड़ते जाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। बाकी देखते हैं, क्या होता है। अभी तो नींद आई है। कुछ बजा लेते हैं फोन में। आज सुनते हैं चाँदनी मूवी का गीत - तेरे मेरे होठों पे/मीठे-मीठे गीत मितवा/आगे-आगे चलें हम/पीछे-पीछे मीत मितवा...

शुभ रात्रि....


- सुकुमार 

01/09/2022

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