सिवाना डायरीज - 42
सिवाना_डायरीज - 42
-हेलो, खाना खाया तुमने?
-नहीं, फास्ट है ना आज। नवरात्रि स्थापना का।
-ओह, हाँ। मैं तो भूल ही गई थी। बताया तो था तुमने दिन में। फलाहार में कुछ लिया कि नहीं?
-खा ली है खिचड़ी। अभी दूध पी लूँगा और...
-हम्म...लव यू
-लव यू ठू...सुनो, नये वे से प्रपोज करता हूँ आज तुम्हें। इन प्रोपर पाॅलिटिकल मैनर।
-अरे! मतलब! मैं समझी नहीं!
-कुछ नहीं समझना। तुम तो बस एज्यूम करो कि मैं पैरों में बैठा हूँ तुम्हारे।
-क्या बकवास कर रहे हो यार। प्यार का प्रपोजल है ये स्लेवनेस का?
-सुनो तो सही। मैं पैरों में बैठा हूँ तुम्हारे और धीरे से बोला - "डियर, क्या तुम मेरी आलाकमान बनोगी?"
-हाहाहाहा। आलाकमान! ये होता क्या है यार? खूब सुन रही हूँ आजकल न्यूज में कि आलाकमान के कहने पर गहलोत ने ये किया, आलाकमान ने खड़गे और माकन को भेजा, आलाकमान ने वादा कर रखा है पायलट को सीएम बनाने का, आलाकमान ने विधायक दल की बैठक आयोजित करने की कहा था, आलाकमान ये, आलाकमान वो, फलाणा, ढीकळा, ये वो सब...आखिर होता कौन है ये आलाकमान?
-जिसके पास सारी शक्ति हो।
-ओह, अच्छा! तब तो मुझे नही बनना तुम्हारी आलाकमान। हम प्यार करते हैं एक-दूसरे से, गुलामी थोड़ी।
-हम्म। गले नहीं लगाओगी!
-अरे बिल्कुल। खूब सारा प्रेम तुम्हें।
और इस तरह मोहब्बत में आलाकमान आधा-आधा बंट जाता है...
-मैं तो यूँ सोच रहा हूँ कि क्यों भाग रहे हैं ये नेता विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने के लिए! अगर बनना ही है तो आलाकमान बनो। आलाकमान मुख्यमंत्री भी तय करता है और साझी समझ के लिए पर्यवेक्षक भी भेजता है। आलाकमान ही तय करता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन किसको भरना चाहिए और आलाकमान ही तय करता है कि अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की सेहत अब साथ नहीं देती। आलाकमान ने गहलोत को तय किया अध्यक्ष के पद के लिए और अभी आलाकमान अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर रहा है। कुछ भी हो आलाकमान है जोरदार चीज।
बहरहाल, स्कूल की छुट्टी और ऑफिस के खुलने वाला दिन। नवरात्रि के दिन उठ गये थे अपन सुबह साढ़े तीन बजे। थोड़ा पढ़े और फिर दैनिक नित्यकर्म। दिन-भर ऑफिस में रहे। शिक्षा, अध्ययन और पुस्तकालय से सम्बंधित कुछ क्वोट्स को प्रिंट-रीच के लिए शीट्स पर उतारा। वैसे राइटिंग और ड्राइंग अपनी बहुते खराब है। हमेशा दूर भागे हैं अपन इनसे, मगर आज जरूरी सा हो गया है ये। स्कूल्स में मुझे काफी हेल्प करेगा ये सीखना। टीचर्स की लिस्ट बनाई जो अनीस की विजिट के लिए सम्भावित है। वीटीएफ का फार्मेट तैयार कर लिया है सुरेश जी और हरीश जी ने और शाम को माइक्रोसॉफ्ट टीम पर एक काॅल भी हो गई थी बालोतरा टीम के साथ। चल रही है तैयारियाँ।
मन ठीक रहा। जब-जब ये मनोहरा के ओरे में रहता है, प्रसन्नचित्त ही रहता है। भविष्य को लेकर जब-जब सोचता है, मनोहरा के आस-पास ही सोचता है। सोचता है कि माइटोकाॅन्ड्रिया है वो अपनी जिंदगी में। खैर, मन है, ठीक ही सोचता सोगा। बिना प्रयोजन के कुछ नहीं होता। बस यही सोचते-सोचते नींद आने लगी है। गुड नाईट...
- सुकुमार
26-09-2022
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