सिवाना डायरीज - 59
सिवाना_डायरीज - 59
"मेवाड़ रा त्योहार अन मारवाड़ री मनुहार
नसीबां बिना नी मिले..."
-उत्सवधर्मिता प्रधान हमारे देश में मिट्टी और बोली के जितने रंग हैं, सब के सब अपना अनूठापन लिये हैं। चूँकि मैं बाड़मेर में हूँ आजकल, तो यहीं की बात करूंगा। सिवाना-बालोतरा से खूब जुदा है गुड़ामालानी-धोरीमन्ना का कल्चर। हाँ एक और बात, कल्चर में खराब कुछ भी नहीं होता। बस अनूठापन होता है। खड़ी बोली या अक्खड़ बोली सुनकर यहाँ के लोगों को अक्खड़ कह देना यह सिद्ध करता है कि व्यक्तित्व पहचानने का कौशल विकसित करना बाकी है अभी खुद में। मारवाड़ के लोगों की मनुहार मैंने बहुत देखी है, एंजाॅय की है और जी है।
बहरहाल, आ गया हूँ मेरे पापाजी के गुरू श्री डाॅ. गोवर्धनराम जी शिक्षाशास्त्री के आश्रम वाले धोरीमन्ना में। हाँ वही धोरीमन्ना जहाँ अपना दोस्त आरजे रहता है। वही जो गढ़ है समुदाय के हिसाब से देखे तो विश्नोई समाज का। सुबह बालोतरा से सिणधरी, गुड़ामालानी होते हुए पहले तो रामजी का गोल पहुँचा रोडवेज में, और फिर वहाँ से एक बिश्नोई ट्रैवेल में धोरीमन्ना। ऑवरब्रिज पूर्ण होकर खुल गया है अब हाई-वे वाला। दोपहर एक बजे उतरने के बाद सबसे पहले एक आइसक्रीम वाले से बात की जो अपने पास के महेंद्रगढ़ का था। फिर एलआरसी पर बीता शाम तक का टाईम। शिवम भाई, घनश्याम भाई और कृष्णा भाई है यहाँ अपने फाउंडेशन के सदस्य। घनश्याम भाई और शिवम भाई ने परसों वाले बाल-मेले की तैयारियों सम्बंधी जानकारी दी और बताया कि कल मुझे असल में करना क्या है। शाम को आरजे के कजिन नरपत भैया लेने आ गये मुझे उनके घर ले जाने के लिए। बहुत प्यारे इंसान है सच में। आरजे के घर न ले जाकर मुझे अपने घर ही रख लिया यहाँ।
होने में तो करवा चौथ थी मगर संयोगवशात मैं भी नहीं खा पाया खाना आज दिन-भर में। मनोहरा से विडियो-काॅल बहुत स्वाभाविक थी आज, ये व्रत-उपवास जैसी चीजें साईड में भी रख दें तो। स्टेटस स्क्राॅल किये जा रहा हूँ, सब कोई अपनी मनोहरा के साथ फोटो डाले हैं व्हाट्सएप पर। खैर, परेशान नहीं हो रहा मैं। नरपत भैया के ही एक और कजिन सुभाष ने शानदार खाना बनाया है खाना। ज्यादा ही खा लिया है आज। छत पर टहल रहा हूँ अभी। पास वाली छत पर करवा चौथ उद्यापन का सामूहिक कार्यक्रम चल रहा है। मैंने घर पर भी कर ली है बात और मनोहरा से भी। अब जा रहा हूँ नीचे। सुबह धोरीमन्ना की ही किसी ढाणी की स्कूल में जाना है। नींद आई है अब। चलो सो जाते हैं...
गुड नाईट...
- सुकुमार
13-10-2022
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