सिवाना डायरीज - 84
सिवाना डायरीज - 84
"फिक्र करता है क्यों, फिक्र से होता है क्या?
आज कर खुद पर भरोसा, फिर देख कल होता है क्या?"
-सूर्यकुमार यादव की बायोग्राफी देख रहा था सुबह यू-ट्यूब पर। उसमें एंकर ने बोली थी ये लाईन्स। याद सी हो गई है। सच में हौसला बढ़ाने वाली भी है। क्या जीवन रहा है यार उसका। अद्भुत-अद्भुत-अद्भुत। रिटायर्मेंट की उम्र हो गई भारतीय टीम में आते-आते। अब इसके लिए उसकी किस्मत को दोष दें, भारतीय क्रिकेट के दुर्भाग्य को या क्रिकेट टीम चयन कमेटी में चुपचाप चलने वाली राजनीति को! ये बात यहीं छोड़ते हैं अभी। सब कह रहे हैं कि नया मिस्टर 360 मिल गया है अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को और इस मिस्टर 360 पर एक खूबसूरत ट्वीट वार्तालाप भी देखने को मिला एबी और स्काई का। हाँ स्काई निकनेम है सूर्य भैया का और एबी मिस्टर 360 का। कुल मिलाकर इन दोनों का जीवन बहुत इंस्पायरेबल है हमारे लिए। खासकर सूर्य भैया मुझ जैसे कभी-कभार हार मान जाने वाले के लिए।
बहरहाल, भारी सिर लेकर उठा हूँ सुबह। मगर हाँ, ठीक टाईम पर। कुछ चिंता हैं, जो खाये जायी रही है। उठकर वाॅक कर आया आज तो सीनियर सेकंडरी स्कूल में। नहा-धोकर ऑफिस आया और फिर यहीं से निकल लिया पीपलून स्कूल में। गिनमाला पर काम किया आज बच्चों के साथ। पूरी तरह से एक एवरेज सरकारी स्कूल देखनी हो तो देख लीजिए इस स्कूल को। ठाकर साहब के घर का एक सदस्य है जो सरकारी नौकरी में है इस स्कूल में और साईन करके चला जाता है रोज। एक मेडम जो पिछले दस सालों से है वहीं, उन्हीं के भरोसे हैं स्कूल। दो नई टीचर्स आई है, पर वो भी अब धीरे-धीरे इसी ढर्रे पर जाने वाली है। जल्दी छुट्टी करने वाली थी मीना मेडम स्कूल की। अपन भी लंच में निकलकर मेला मैदान स्कूल आ गये। संदीप जी और लक्ष्मी मे'म से बात हुई स्कूल से रिलेटेड। स्कूल खत्म होने के बाद ऑफिस में ही रुके हम और फिर संध्या में लौट आये घर।
थोड़ा इंतज़ार रहा मुझे काॅल और मैसेज का और मन में थोड़ी निश्चितता कि नहीं आयेगा अब कोई मैसेज या काॅल। दिन ठीक चल रहा है मन का कि अजीब ही है स्थिति, खुद ही नहीं समझ पा रहा। खैर, बस इसी ऊहापोह में नींद भी आई है अब। चलो सो ही जाते हैं। शुभ रात्रि...
- सुकुमार
07-11-2022
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