सिवाना डायरीज - 99
सिवाना_डायरीज - 99
"मुश्किलें पड़े तो हम पे इतना कर्म कर,
साथ दें तो धर्म का चलें तो धर्म पर।
झूठ से बचे रहें सच का दम भरें,
दूसरों की जय से पहले खुद को जय करें।।"
-गुड्डी फिल्म का है ये गीत और मुझे हमेशा ऊर्जा देता है। जब भी सोचूँ इसकी एक भी लाईन, साहस बढ़ जाता है जिंदगी में कुछ ठीक-ठाक करने का। शतक पूरा होने वाला हैं चूँकि अपना सिवाना आये, तो उत्साहित भी हूँ ही। ईश्वर जिस तरह की ऊर्जा बनाये हैं मुझमें अभी, बस वो जारी रखें। बाकि अपन देख लेंगे। एक मुझे 'भोळा को भगवान' लाईन ठीक लगती है। मैं चाहकर भी भोला नहीं हो पा रहा।
बहरहाल, आज ट्रेनिंग के दूसरे चरण का प्रथम दिन था। हम तीनों में से मेरा फिक्स था ऑफिस में ही रुकना। दोनों बैचों के चार एमटीज से एक भी नहीं आया। सिवाना पीईईओ स्कूल में पीईईओ'ज की मीटिंग भी थी तो। एक तरफ मोटाराम जी और एक तरफ मुकेश जी को तैयार किया फिर अपन ने। लंच से पहले एक तरफ रहा और लंच के बाद दूसरी तरफ। बोल-बोलकर गला बैठ गया आज शाम तक तो। पता नहीं क्यों पर लाईम-लाईट में जाने का शौक हो गया है मेरे को। सच पूछो तो ये सेशन लेना विभाग की या फाउंडेशन की मजबूरी है, पर मेरे लिए ये शौकियाना भी है। अपना सारा कंटेंट एक ही दिन में उड़ेल आया संभागियों पर। शाम को पिज्जा और पास्ता खाया हरीश भैया के साथ। रमेश मार्केटिंग वाले ने दिल लूट लिया यार एक बार फिर। सच में बहुत ही ज्यादा ठीक थे पिज्जा और पास्ता दोनों। शाम को घर मेला मैदान स्कूल वाले संदीप जी सर भी आये। उनके साथ बात हुई थोड़ा-बहुत, फिर मैं अपनी एक ड्रेस धोने चला गया। कल अमावस्या है। सुबह जल्दी फूलण मंदिर जाने का प्लान है।
मन ठीक है। दिन-भर रूचि वाला काम होता रहा कुछ-न-कुछ तो, अच्छा ही जाना था दिन तो। वैसे अब कभी खराब रहेगा भी नहीं ये। अपना श्रेष्ठ देगा अब ये। चलो अभी सोते हैं, रात के बारह बज गये हैं चैट करते-करते। शुभ रात्रि...
- सुकुमार
22-11-2022
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