सिवाना डायरीज - 122
सिवाना_डायरीज - 122
"एक अच्छे लोकतंत्र में सत्ता की रोटी उलटती-पलटती रहनी चाहिए।"
- समाजवाद के नायक लोहिया जी ने कही है ये बात उस समय जब हमारे देश में राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सत्ता के लिए आज जैसी ही स्थिति थी। 'इंदिरा इज इंडिया' और 'इंडिया इज इंदिरा' जैसी परिभाषाएँ गढ़ी जा रही थी तब। आज भी लगभग यही सीन है। बस 'डेमोक्रेसी खत्म हो रही है' वाली लाईन से सहमत नहीं हूँ। बाकि खूब सहमत हूँ लोहिया जी से।
खैर,आज बालोतरा थे दिन-भर। बाड़मेर के पुराने डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर और फिलहाल उत्तराखंड स्टेट काॅर्डिनेटर शोभन जी से मिलने के लिए। बालोतरा-सिवाना टीम की मीटिंग भी अनौपचारिक हो ही गई आज। आलू-पराठे निपटाये सबने मिलकर। रवि भाई भी आये थे शोभन जी के साथ। स्मार्ट वाॅच के लेकिन लेमिनेशन हो ही गया आज। शाम को पाँच बजे आ भी गये हम वापस सिवाना। बाईक पर आते हुए सुरेश भाई के साथ कुछ बातचीत हुई जिससे मुझे आगे की कुछ दिशा मिली। कल शुक्रवार है, कुछ ठीक करने की सोच रहा हूँ अभी यहीं घर में पड़े-पड़े...
मन खुद के लिए काम करने को लेकर मजबूत है अभी यो। बस ये रही करता रहे...
- सुकुमार
15-12-2022
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